BA Semester-5 Paper-2 Sanskrit - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 संस्कृत व्याकरण एवं भाषा-विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर समूह
लोगों की राय

बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 संस्कृत व्याकरण एवं भाषा-विज्ञान

बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 संस्कृत व्याकरण एवं भाषा-विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :224
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2802
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 संस्कृत व्याकरण एवं भाषा-विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर


५. एध

'एध् + त'- एध् धातु से कर्ता अर्थ में लट् के स्थान पर आत्मनेपदसंज्ञक 'त' प्रत्यय आया।
'एध् + त' - तिङ् शित् के द्वारा 'त' की सार्वधातुक संज्ञा हुई
'एध् + शप् + त' - कर्तरि शप् से शप्'।
एध् + अ + त - अनुबन्धलोप होने पर एध् + अ + त हुआ।
एधत - वर्ण सम्मेलन।
एधते - अचोऽन्त्यादि टि से तकारोत्तरवर्ती अन्त्य अच् अकार की टिसंज्ञा हुई और टित
आत्मनेपदानां।
टेरे से - उसके स्थान पर एकार आदेश होकर एधते सिद्ध हुआ

एधेते

एध् + आताम् - तिङ् शित् सार्वधातुकम् से आताम् की सार्वधातुक संज्ञा
एध् + अ + आताम् - शप्, अनुबन्धलोप।
एध + इय् + ताम् - आताम् की सार्वधातुकरमपित से विद्भाव करके आतो डितः से आताम् के
आकार के स्थान पर इय् आदेश, वर्णसम्मेलन।
एध + इ + ताम् - यकार का लोपो व्योर्वलि से लोप।
एधे + ताम् - अ इ में आद्गुणः से गुण हुआ।
एघेते - ताम् के आम् की अचोऽन्त्यादि टि से टिसंज्ञा हुई और टि के स्थान पर टित आत्मनेपदानां टेरे से एत्व होकर एधेते बना।

एधन्ते

एध् + झ में झ के स्थान पर झोऽन्तः से अन्त् आदेश हुआ अन्त अ बना। वर्णसम्मेलन हुआ तो अन्त बना अन्त की सार्वधातुकसंज्ञा करके शप हुआ, अनुबन्धलोप, एध् + अ + अन्त बना। अ + अन्त में अतो गुणे से पररूप होकर अन्त ही हुआ। एध अन्त में वर्णसम्मेलन और अन्त्य अच् तकारोत्तरवर्ती अकार की टिसंज्ञा और उसके स्थान पर टित आत्मनेपदानां टेरे एत्व होकर एधन्ते सिद्ध हुआ।

एधसे.

एध से मध्यमपुरुष एकवचन थास्, सार्वधातुकसंज्ञा, शप्, अनुबन्धलोप, एध् अ थास् बना। थासः से से थास के स्थान पर आदेश हुआ, वर्णसम्मेलन करके एधसे सिद्ध हुआ

एधेथे

एध् + आथाम् - तिङ् शित् सार्वधातुकम् से आथाम् की सार्वधातुक संज्ञा,
एध् + अ + आथाम् - कर्तरि शप् से शप्, शप् में शकार तथा पकार का अनुबन्धलोप।
एघ् + इय् + थाम् - आथाम् की सार्वधातुकमपित् से ङिद्वद्भाव करके आतो ङितः से आथाम् के आकार के स्थान पर इय् आदेश।
एध + इ - थाम् इय् के यकार का लोपो व्योर्वलि से लोप। वर्णसम्मेलन।
एध् + अ + ए - थाम् अ + इ मे आद्गुणः से गुण।
एधेथे - थाम् के आम की अचोऽन्त्यादि टि से टिसंज्ञा और टि. के स्थान पर टित आत्मनेपदानां
टेरे से एत्व।

एधध्वे

एध् + ध्वम्
एध् + शप् - ध्वम् - तिङ् शित् सार्वधातुकम् से ध्वम् की सार्वधातुक संज्ञा, कर्तरि शप से शप्, एध् + अ + ध्वम् - शप् में शकार तथा पकार का अनुबन्धलोप।
एध् + अ + ध्वे - ध्वम् में अम् की टिसंज्ञा और टि के स्थान पर टित आत्मनेपदानां टेरे ऐ एत्व। एधध्वे - वर्णसम्मेलन

एघे

एध् + इट्
एध् + इ - इट् के टकार की हलन्त्यम् से इत्संज्ञा, तस्य लोपः से लोप।
एध् + शप् + इ - कर्तरि शप से शप,
एध् + अ + इ - शप् का अनुबन्धलोप,
एध् + अ + ए-  टिसंज्ञक इ के स्थान पर एत्व।
एध् + ए - अ ए में अतो गुणे से पररूप एकादेश।
एधे - वर्णसम्मेलन

एधावहे

एध् + वहि
एध् + अ + वहि - शप करने के बाद अनुबन्धलोप।
एध् + अ + वहे - व.हि में इकार की टिसंज्ञा, उसके स्थान पर टित आत्मनेपदानां टेरे से एत्व। एध् + आ + वहे - अतो दीर्घौ यत्रि से वहे के वकार के पूर्व अत् को दीर्घ आकार।
एधावहे - वर्णसम्मेलन।

एधामहे

एध् + महिङ
एध् + महि - ङकार की की हलन्त्यम् से इत्संज्ञा, तस्य लोपः से लोप।
एध् + शप् + महि - कर्तरि शप से शप,
एध् + अ + महि - शप् में शकार तथा पकार का अनुबन्धलोप।
एध् + अ + महे - टित आत्मनेपदानां टेरे से टिसंज्ञक हि का इकार के स्थान पर एत्व।
एध् + आ + महे - अतो दीर्घो यत्र से महे के मकार के पूर्व अत् को दीर्घ आकार हुआ।
एधामहे - वर्णसम्मेलन।

...पीछे | आगे....

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. प्रश्न- निम्नलिखित क्रियापदों की सूत्र निर्देशपूर्वक सिद्धिकीजिये।
  2. १. भू धातु
  3. २. पा धातु - (पीना) परस्मैपद
  4. ३. गम् (जाना) परस्मैपद
  5. ४. कृ
  6. (ख) सूत्रों की उदाहरण सहित व्याख्या (भ्वादिगणः)
  7. प्रश्न- निम्नलिखित की रूपसिद्धि प्रक्रिया कीजिये।
  8. प्रश्न- निम्नलिखित प्रयोगों की सूत्रानुसार प्रत्यय सिद्ध कीजिए।
  9. प्रश्न- निम्नलिखित नियम निर्देश पूर्वक तद्धित प्रत्यय लिखिए।
  10. प्रश्न- निम्नलिखित का सूत्र निर्देश पूर्वक प्रत्यय लिखिए।
  11. प्रश्न- भिवदेलिमाः सूत्रनिर्देशपूर्वक सिद्ध कीजिए।
  12. प्रश्न- स्तुत्यः सूत्र निर्देशकपूर्वक सिद्ध कीजिये।
  13. प्रश्न- साहदेवः सूत्र निर्देशकपूर्वक सिद्ध कीजिये।
  14. कर्त्ता कारक : प्रथमा विभक्ति - सूत्र व्याख्या एवं सिद्धि
  15. कर्म कारक : द्वितीया विभक्ति
  16. करणः कारकः तृतीया विभक्ति
  17. सम्प्रदान कारकः चतुर्थी विभक्तिः
  18. अपादानकारकः पञ्चमी विभक्ति
  19. सम्बन्धकारकः षष्ठी विभक्ति
  20. अधिकरणकारक : सप्तमी विभक्ति
  21. प्रश्न- समास शब्द का अर्थ एवं इनके भेद बताइए।
  22. प्रश्न- अथ समास और अव्ययीभाव समास की सिद्धि कीजिए।
  23. प्रश्न- द्वितीया विभक्ति (कर्म कारक) पर प्रकाश डालिए।
  24. प्रश्न- द्वन्द्व समास की रूपसिद्धि कीजिए।
  25. प्रश्न- अधिकरण कारक कितने प्रकार का होता है?
  26. प्रश्न- बहुव्रीहि समास की रूपसिद्धि कीजिए।
  27. प्रश्न- "अनेक मन्य पदार्थे" सूत्र की व्याख्या उदाहरण सहित कीजिए।
  28. प्रश्न- तत्पुरुष समास की रूपसिद्धि कीजिए।
  29. प्रश्न- केवल समास किसे कहते हैं?
  30. प्रश्न- अव्ययीभाव समास का परिचय दीजिए।
  31. प्रश्न- तत्पुरुष समास की सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- कर्मधारय समास लक्षण-उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए।
  33. प्रश्न- द्विगु समास किसे कहते हैं?
  34. प्रश्न- अव्ययीभाव समास किसे कहते हैं?
  35. प्रश्न- द्वन्द्व समास किसे कहते हैं?
  36. प्रश्न- समास में समस्त पद किसे कहते हैं?
  37. प्रश्न- प्रथमा निर्दिष्टं समास उपर्सजनम् सूत्र की सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
  38. प्रश्न- तत्पुरुष समास के कितने भेद हैं?
  39. प्रश्न- अव्ययी भाव समास कितने अर्थों में होता है?
  40. प्रश्न- समुच्चय द्वन्द्व' किसे कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
  41. प्रश्न- 'अन्वाचय द्वन्द्व' किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइये।
  42. प्रश्न- इतरेतर द्वन्द्व किसे कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
  43. प्रश्न- समाहार द्वन्द्व किसे कहते हैं? उदाहरणपूर्वक समझाइये |
  44. प्रश्न- निम्नलिखित की नियम निर्देश पूर्वक स्त्री प्रत्यय लिखिए।
  45. प्रश्न- निम्नलिखित की नियम निर्देश पूर्वक स्त्री प्रत्यय लिखिए।
  46. प्रश्न- भाषा की उत्पत्ति के प्रत्यक्ष मार्ग से क्या अभिप्राय है? सोदाहरण विवेचन कीजिए।
  47. प्रश्न- भाषा की परिभाषा देते हुए उसके व्यापक एवं संकुचित रूपों पर विचार प्रकट कीजिए।
  48. प्रश्न- भाषा-विज्ञान की उपयोगिता एवं महत्व की विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- भाषा-विज्ञान के क्षेत्र का मूल्यांकन कीजिए।
  50. प्रश्न- भाषाओं के आकृतिमूलक वर्गीकरण का आधार क्या है? इस सिद्धान्त के अनुसार भाषाएँ जिन वर्गों में विभक्त की आती हैं उनकी समीक्षा कीजिए।
  51. प्रश्न- आधुनिक भारतीय आर्य भाषाएँ कौन-कौन सी हैं? उनकी प्रमुख विशेषताओं का संक्षेप मेंउल्लेख कीजिए।
  52. प्रश्न- भारतीय आर्य भाषाओं पर एक निबन्ध लिखिए।
  53. प्रश्न- भाषा-विज्ञान की परिभाषा देते हुए उसके स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
  54. प्रश्न- भाषा के आकृतिमूलक वर्गीकरण पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- अयोगात्मक भाषाओं का विवेचन कीजिए।
  56. प्रश्न- भाषा को परिभाषित कीजिए।
  57. प्रश्न- भाषा और बोली में अन्तर बताइए।
  58. प्रश्न- मानव जीवन में भाषा के स्थान का निर्धारण कीजिए।
  59. प्रश्न- भाषा-विज्ञान की परिभाषा दीजिए।
  60. प्रश्न- भाषा की उत्पत्ति एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  61. प्रश्न- संस्कृत भाषा के उद्भव एवं विकास पर प्रकाश डालिये।
  62. प्रश्न- संस्कृत साहित्य के इतिहास के उद्देश्य व इसकी समकालीन प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालिये।
  63. प्रश्न- ध्वनि परिवर्तन की मुख्य दिशाओं और प्रकारों पर प्रकाश डालिए।
  64. प्रश्न- ध्वनि परिवर्तन के प्रमुख कारणों का उल्लेख करते हुए किसी एक का ध्वनि नियम को सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
  65. प्रश्न- भाषा परिवर्तन के कारणों पर प्रकाश डालिए।
  66. प्रश्न- वैदिक भाषा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- वैदिक संस्कृत पर टिप्पणी लिखिए।
  68. प्रश्न- संस्कृत भाषा के स्वरूप के लोक व्यवहार पर प्रकाश डालिए।
  69. प्रश्न- ध्वनि परिवर्तन के कारणों का वर्णन कीजिए।

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book